Meri Diary- Rishtey Moti Ho Gayeइस डायरी (पुस्तक) में रचनाकार की बातें कविताओं के रूप में लिखी गई हैं, ये कविताएंँ, संयुक्त परिवार के विखंडन के द्वार पर खड़े इस युग में- भारतीय संस्कृति और परंपराओं के पुनर्स्थापन, पारिवारिक रिश्तों की प्रगाढ़ता, उष्णता, आत्मीयता एवं इनसे उपजे विश्वास, आश्वस्ति, सुरक्षा भाव, सुख-शांति और आनंद की ओर ले जातीं हैं तथा रिश्तों की अहमियत का भरपूर एहसास भी करातीं हैं, वहीं भावुक हृदयों को बार-बार भिगो भी जातीं हैं। इस पुस्तक की कविताएँ एक ओर समाज में व्याप्त विकृतियों की ओर संकेत करतीं हैं, तो वहीं दूसरी ओर "जीवन कैसा हो? " यह बतातीं हैं। यह पुस्तक जिंदगी के चारों सोपानों से परिचय कराते हुए पुनर्जन्म, दर्शन, अध्यात्म, और मोक्ष तक की अभिधारणाओं को स्पर्श करती है। पढ़ते हुए पाठक स्वयं भी वही अनुभूति करने लगता है। |
Common terms and phrases
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