Bharat Ka Itihas(1000 E.P-1526 E)

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Rajkamal Prakashan, Sep 1, 2008 - India - 333 pages
प्रस्तुत पुस्तक में लगभग 1000 ई. पू. में आर्य संस्कृति की स्थापना से लेकर 1526 ई. में मुगलों के आगमन और यूरोप की व्यापारिक कंपनियों के प्रथम साक्षात्कार तक प्रायः 2500 वर्षों के दौरान भारत के आर्थिक तथा सामाजिक ढांचे का विकास प्रमुख राजनितिक एवं राजवंशीय घटनाओं के प्रकाश में दर्शाया गया है ! मुख्या रूप से डॉ. थापर ने धर्म, कला और साहित्य में, विचारधाराओं और संस्थाओं में व्यक्त होनेवाले भारतीय संस्कृति के विविध रूपों का रोचक वर्णन किया है ! यह इतिहास वैदिक संस्कृति के साथ प्रारंभ होता है, इसलिए नहीं कि यह भारतीय संस्कृति का प्रारंभ-बिंदु है, वरन इसलिए कि भारतीय संस्कृति के प्रारंभिक चरणों पर, जो आदिम-ऐतिहासिक और हड़प्पा काल में दृष्टिगोचर होने लगे थे, सामान्य पाठकों को उपलब्ध अनेक पुस्तकों में पहले ही काफी कुछ लिखा जा चूका है ! इस प्रारंभिक चरण का उल्लेख 'पूर्वपीठिका' वाले अध्याय में है ! यूरोपवासियों के आगमन से भारत के इतिहास में एक नवीन युग का सूत्रपात होता है ! समाप्ति के रूप में 1526 ई. इसलिए रखी गई है ! लेखिका ने पहले अध्याय में अतीत के विषय में लिखनेवाले इतिहासकारों पर प्रमुख बौद्धिक प्रभावों को स्पष्ट करने की चेष्टा की है ! इससे अनिवार्यता नवीन पद्धतियों एवं रीतियों का परिचय मिल जाता है जिन्हें इतिहास के अध्ययन में प्रयुक्त किया जा रहा है और जो इस पुस्तक में भी परिलक्षित हैं !
 

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Contents

Section 1
23
Section 2
43
Section 3
82
Section 4
98
Section 5
113
Section 6
123
Section 7
152
Section 8
177
Section 10
207
Section 11
218
Section 12
240
Section 13
261
Section 14
290
Section 15
307
Section 16
310
Section 17
320

Section 9
200

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Common terms and phrases

अथवा अधिक अनेक अन्य अपनी अपने अब इन इस इसके उत्तरी उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसकी उसके उसने उसे एक एवं एशिया ऐसा ओर और कर लिया करके करते थे करना करने के लिए का कार्य काल किया किसी की कुछ के कारण के रूप में के लिए के साथ केवल को कोई क्योंकि क्षेत्र गई गए गया था गुजरात चीन चोल जब जहाँ जा जाता था जाती जिसमें जो तक तथा तमिल तुर्क तो था और थी थीं थे दक्षिण दिया दिल्ली दृष्टि से दोनों द्वारा धर्म धार्मिक नहीं ने पंजाब पर परंतु पूर्व प्राप्त बहुत बात बाद बौद्ध ब्राह्मण भारत के भारत में भारतीय भी भूमि मंदिर यह या ये रहा रहे राजनीतिक राजा राज्य रूप से लगभग वह वे व्यापार शक्ति शताब्दी शासन संबंध संस्कृति सकता समय से हिंदू हिंदू धर्म ही हुआ हुई हुए है कि हैं हो गया होता था होते थे होने

About the author (2008)

रोमिला थापर का जन्म 1931 में एक सुप्रसिद्ध पंजाबी परिवार में हुआ और बचपन में उन्हें भारत के विभिन्न प्रांतों में रहने का अवसर मिला क्योंकि उनके पिता उन दिनों सेना में थे। उन्होंने अपनी पहली डिग्री पंजाब विश्वविद्यालय से ली और डॉक्टरेट 1958 में लंदन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओरियंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज़ में दक्षिण एशिया के प्राचीन इतिहास का प्राध्यापन किया। बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में रीडर के पद पर कार्य किया और 1968 में एक वर्ष उन्होंने लेडी मार्ग्रेट हॉल, ऑक्सफोर्ड में व्यतीत किया। वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहीं। डॉ. थापर ने यूरोप और एशिया का व्यापक भ्रमण किया है। 1957 में वे चीन के बौद्ध गुफास्थलों का अध्ययन करने गईं और गोबी मरुभूमि में तुन-हुआँग तक यात्रा की। उनकी अन्य कृतियों में ‘अशोक एंड दॅ डिक्लाइन ऑफ दॅ मौर्याज़’ उल्लेखनीय है।

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