Saṃakṛta sāhitya kā itihāsa |
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अध्ययन अनेक अपने अर्थशास्त्र आचार्य आज आदि आरण्यक इतिहास इन इस इसी ई० पूर्व उनका उनकी उनके उन्होंने उपनिषद् उपलब्ध उल्लेख उसका उसकी उसके ऋग्वेद एक एवं ऑफ और कर करने कहा का का नाम किन्तु किया किया है की की रचना कुछ के कारण के बाद के लिए को कौटिल्य गई गया है ग्रंथ ग्रन्थ ग्रन्थों जा जाता है जैन जो ज्ञान डॉ० तक तथा तो था थी थे दर्शन दिया दूसरे दृष्टि से दो दोनों द्वारा धर्म निर्माण ने पर पाणिनि पालि पुराण पुराणों पृ० प्रकार प्रकाशित प्राकृत प्राचीन बहुत बौद्ध ब्राह्मण भाग भारत भारतीय भाषा भी महाभारत मूल में यजुर्वेद यह या युग ये रहा रामायण लगभग वर्ष वह वही वाल्मीकि विद्वानों विद्वान् विभिन्न विषय वे वेद वेदों वैदिक शताब्दी शब्द संप्रदाय संबंध में संस्करण संस्कृत के समय साथ साहित्य के से ही हुआ हुई हुए है और हैं हो होने