Vālmīki Rāmāyaṇa evaṃ Rāma-carita-mānasa kā tulanātmaka adhyayanaViśvavidyālaya Hindī Prakāśana, Lakhanaū Viśvavidyālaya, 1963 - 640 pages |
Common terms and phrases
१० अ० रा० अध्यात्म रामायण अनेक अपनी अपने अयोध्या इस प्रकार उनका उनकी उनके उन्हें उस एक एवं ओर और कथा करती करते हैं करना करने के का का उल्लेख कारण किया किया गया है किया है की के प्रति के लिये के साथ केवल कैकेयी को कौशल्या चरित्र चित्रण जो तक तथा तो था थे दर्शन दशरथ देख दोनों ग्रन्थों में द्वारा धर्म नाम ने पर परन्तु परम पूर्ण पूर्व पृष्ठ प्रभु प्रसंग में प्राप्त प्रेम बा० ब्रह्म भक्त भक्ति का भरत भाव भी मन मा० मानस में में भी में राम यह युद्ध राम के रामायण के रामायण में रावण रावण के रूप रूप में लक्ष्मण वर्णन वर्णित वह वा० रा० वाल्मीकि रामायण विभीषण विशेष वे श्री सब सभी समय समान सीता सुग्रीव से स्वयं स्वरूप हनुमान् ही हुआ हुये हृदय है कि हो होकर होता होने