आंख की किरकिरी

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Diamond Pocket Books (P) Ltd., 2006 - 184 pages
Novel on human relationships.
 

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Contents

Section 1
3
Section 2
4
Section 3
5
Section 4
15
Section 5
16
Section 6
52
Section 7
74
Section 8
84
Section 10
109
Section 11
117
Section 12
127
Section 13
130
Section 14
147
Section 15
164
Section 16
176
Section 17

Section 9
90

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Common terms and phrases

अच्छा अन्नपूर्णा अपनी अपने अब आई आज आया आशा को आशा ने इस उठा उन्हें उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे ऐसा और कभी कमरे में कर करके करता करती करने कहां कहीं का काम कि किया किसी की की तरह कुछ के पास के लिए को कोई क्या क्यों गई घर चली चिट्ठी जब जरा जा जाकर जाने जी जो ठीक तक तुम तुम्हारी तुम्हें तो था थी दिन दिनों दिया देखा देर दो दोनों नहीं पड़ी पर पहले पूछा प्यार फिर बड़ी बहू बात बाहर बिहारी ने बोला बोली बोलीं भी मगर मन में महेन्द्र ने महेन्द्र ने कहा मां मानो मुझे मेरी मेरे मैं मैंने यह यहां रहा था रही थी रही है रहे राजलक्ष्मी राजलक्ष्मी ने रात लगा लगी लिया ले लेकिन वह विनोदिनी ने सकता सब समझ साथ से हाथ ही हुआ हुई हुए हूं है हैं हो गई हो गया होकर होता

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