Bhartiya Evam Paschatya Kavya Sidhant

Front Cover
Lokbharti Prakashan

From inside the book

Contents

Section 1
3
Section 2
11
Section 3
18
Section 4
28
Section 5
36
Section 6
54
Section 7
60
Section 8
68
Section 13
121
Section 14
131
Section 15
139
Section 16
146
Section 17
161
Section 18
174
Section 19
201
Section 20
208

Section 9
75
Section 10
90
Section 11
99
Section 12
109
Section 21
215
Section 22
222
Section 23
238

Common terms and phrases

अतः अधिक अनुभूति अनेक अपनी अपने अर्थ अलंकार आचार्य आत्मा आदि इन इस इस प्रकार इसके इसी उनके उन्होंने उसका उसकी उसके उसे एक एवं ऐसी और कर करता है करते हुए करना करने कला कवि कविता कहा का कारण काव्य काव्य के काव्य में किन्तु किया है किसी की कुछ के लिए केवल को को ही कोई क्या गया है चाहिए जब जबकि जहाँ जा सकता है जाता है जाती जीवन जो तक तत्व तथा तो था दिया दूसरे दृष्टि से दृष्टिकोण दो दोनों द्वारा नहीं है नाटक ने पर प्रयोग प्रस्तुत प्राप्त प्लेटो फिर बात भारतीय भाव भी भेद मूल यदि यह यहाँ या युग रचना रस वस्तु वस्तुतः वह वामन विचार विभिन्न वे व्यक्ति शक्ति शब्द शब्दों शैली सकते हैं सभी सम्बन्ध साहित्य सिद्ध सिद्धान्त से सौन्दर्य स्थान स्थायी स्पष्ट स्वीकार हम हमारे ही हुआ है कि हैं हो होता है होती होते

Bibliographic information