Ghagh Aur Bhaddari Ki Kahawatein

Front Cover
Diamond Pocket Books (P) Ltd., 2006 - 96 pages

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Contents

सुकाल
14
अकाल और सुकाल
14
वर्षा 11 49
14
पैदावार
14
बोवाई
14
ग्रहण
15
शकुनअपशकुन विचार
16
यात्रा
17
वायुपरीक्षा
20
विविध विभिन्न 23 79
23
झूरा महंगाई और दुर्भिक्ष
45
नीति 52
53
बैल की परख
73
पाठान्तर 91

Common terms and phrases

अकाल अच्छी होती है अधिक अन्न अपने अर्थात् असाढ़ आगे आर्द्रा आषाढ़ उत्तरा उस उसे एक ओर कम कर करने करे करै कहते हैं कि कहै कहैं का काम काल किसान की कुछ कृतिका के के लिए को कोई खूब खेत खेत में खेती गया गेहूं घर में घाघ और भड्डरी घाघ कहते हैं चले तो चार चाहिए चित्रा जब जल जाए जाता है जाती जाय जेठ जो जौ तक तथा तब तीन दिन दो दोनों धान नक्षत्र नक्षत्र में नहीं ना पड़े तो पर परै पानी पुनर्वसु पुरवाई पूस पैदावार फसल फागुन बदी बरखा बरसे बरसै बहुत बादर बादल बीज बैल भादों भी मंगल मंगलवार माघ मास में यदि यदि सावन यह या ये रविवार राजा रात लो वर्षा होगी वह वाला विचार शनिवार सप्तमी सब समय साथ सावन सुदी सूर्य से सोमवार स्त्री हस्त ही हुआ है और हो और हो तो होगा होता होने होय

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