Hasta-Rekha Vigyan

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Motilal Banarsidass Publishe, 2001

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अधिक अनामिका अन्त अन्य अर्थात् अशुभ आदि उंगलियों उंगली उन्नत उपर्युक्त उस उसके ऊपर एक ऐसा व्यक्ति ऐसी ऐसे कर करता है करना करने का चिह्न का लक्षण है किन्तु यदि किसी की ओर कुछ के कारण के नीचे को कोई क्षेत्र पर ग्रह चाहिये चित्र नं० चिह्न हो तो छोटी जाता है जाती जिस जीवन रेखा जो तक तथा तर्जनी तिल तो ऐसा दो दोनों न हो नहीं नहीं होता पर्व पुराण पुरुष पैर प्रकट प्रकार प्रथम प्रभाव प्राप्त प्रेम फल बहुत बीच बुध बृहस्पति भाग भाग्य रेखा भी मत मध्यमा मनुष्य यदि यह या ये रंग रेखा के रेखा पर रेखाओं रोग वह वाली विचार विवाह विशेष वे शनि शरीर शीर्ष शुक्र शुभ लक्षण सफलता सिर सुन्दर सूर्य स्त्री हाथ में ही हुआ हुई हुए हृदय रेखा है और है कि हो और हो तो हों होगा होगी होता है होती होते हैं होना होने से

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