Rashmirathi |
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Brilliant!
This poem can give goosebumps.
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very nice book.......love it
Contents
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Common terms and phrases
अपना अपनी अपने अब अभी आगे आज आप आया आयी इस उठा उस उसे ऊपर एक ओर और कभी कर करके करता करते कर्ण कर्ण का कहा कहाँ कहीं का काल कि किन्तु किया किसी की कुछ कुन्ती के लिए केवल केशव कैसे को कोई कौन क्या क्यों गया गयी छोड़ जग जब जय जहाँ जा जाति जाने जायेगा जिस जीवन जो तक तन तब तरह तुम तू तो था थी थे दान दिया दुर्योधन दे देख दो दोनों धर्म नर नहीं निज ने पर परशुराम पाण्डव पार्थ प्राण फिर बन बल बात बीर भर भी मगर मन में मनुज मुख मुझको मुझे में मेरा मेरे मैं यदि यह या रण में रह रहा रहे राधेय लिये ले लेकिन वह वे सकता सत्य सब सभी समर साथ सामने सुख से स्वयं हम हाय ही हुआ हुई हुए हूँ हृदय है यह है है हैं हो हों होकर होगा होता