Zindagi Zindabad: ज़िन्दगी ज़िंदाबादये कहानी है उस समय की जब एक युवक भीषण गर्मी में ट्रेन का सफर करने का निश्चय करता है, आगे क्या हुआ जाने पुस्तक में............ |
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अंदर अपने अब अभी आकर आखिर आगे आने आप आपको इतना इस तरह उस उसकी उसने उससे एक दाल ऐसे और और एक कद कदम कर दिया करके का काम किसी की कुछ के बाद के लिए को कोई क्या क्यों खास गयी घंटा चढ़ने चलती छोटे जा जाने जिसके जैसे जो ट्रेन में डिब्बे तरह के तीन तेरी तो था और था कि थी थी कि थे दाल वाले दाल वाले ने दी दे देख देना दो नहीं था नहीं हूँ नहीं है नाम पूछा पूरी तरह पैर पैसे फर्श पर फिर बढ़ा बात बार बाल्टी बेचने बैठे बोला भाई भी नहीं भीड़ भूल गये मानो मुझे में एक मेरी मेरे पास मै मैं मैंने यही ये रहा था रही थी रहे लगभग लगा लड़के लिया ली ले लेकिन लोग वाला वाली वो सकता सब सुमित से सौ हर हाथ ही हीरा हुआ हुई हुए है पर हो गया