और उसकी शादी हो गई: Aur Uski Shadi Ho Gai

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Book Bazooka, Dec 3, 2019 - Poetry - 124 pages
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आज तो बस जिस्म ख़ाक में मिला है दोस्तों

मर तो मैं तभी गया था

जब उसकी शादी हुई थी



 

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Selected pages

Contents

23
18
जीना सीख लिया है
20
मदहोशी रही
21
खोज है
22
बेहतर हो गया हूँ
23
जमाने की
24
पल रहा होगा
25
रूला दिया
26
दिलशाद नही रहा
35
भूला ना पावोगी
36
जीता है
37
बारात नहीं
38
जीने में
39
खास नही है
40
जिंदगी तेरे बाद नही
42
बेवफा हो गये
43

पता नही
27
तबाह हो गई
28
चेहरा है
29
उदास है
30
तेरा न होना
31
दिल तक नही पहुंचती
32
मुस्कुराने निकला हूँ
33
तुम याद आते हो
34
सौ दर्द
44
वो बंधन मे बंध रही थी
45
रूला रहा है
47
जमाना ठीक नही
48
मेरे एहसास
49
जीके देखते है
50
ना बदलेंगे कभी
52
Copyright

Common terms and phrases

अपना अपनी अपने अश्क आज भी आत आदमी आया इश्क इस ईश्क उसके उसे एक एहसास और कभी कर करता करना कलम का किया किसी किसी की की तरह कुछ के कैसे को कोई क्या क्यूं ग़म गया हूँ गये घर चल चले छोड़ जब जाऊँगा जाना जाने जाये जिंदगी जी जीवन जो तक तुम तुमसे तू तूझे तूम्हे तेरा तेरी तेरे तो था थी थे दर्द दिया दिल की दिल में दे देखते है देखे दो दोस्तो नही है नहीं ना नाम ने पर पल पहले पे प्यार फिर बने हुये है बस बहुत है बात भूल भूला मगर मुझसे मुझे मे मेंरा मेंरी मेंरे मेरी मै मैंने मोहब्बत यहां याद यारो ये रहा है रही रहे रोज लगती है लोग वाले वो शादी हो गई सच सब साथ से हम हर हाथ ही हुई हुवा हूँ है अब है कि हैं हो गया होगा होती होने

About the author (2019)

और उसकी शादी हो गई। आपके तीसरे कविता संग्रह के लिए हार्दिक बधाई शुभकामनाएं ।

आपकी कविताएं दिल से निकली हुई है । आप युवाओं के बहुत चहेते और लोकप्रिय हो । आपका व्यक्तित्व आकर्षक मिलनसार है । आपने श्रृंगार के साथ-साथ समसामयिक विषयों पर भी रचनाएं लिखी है । कवि वाकई आईना दिखाने का काम करता है । आपने कवि धर्म निभाया है । हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते है ।


किशोर छिपेश्वर "सागर"

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