Khwabon Se Haqeeqat Ka Safarजिंदगी ख्वाबो का सफर जिंदगी हकीकत की जुबां जिंदगी गमों का तर्जुमा जिंदगी रंज-ए- बयान जिंदगी फिर भी हसीन जिंदगी फिर भी (जवां) जवा ❤️ इसी खयाल को लफ्जों में पिरो कर (ख्वाबों से हकीकत का सफर) शुरू हुआ और उम्र के साथ साथ चलता गया और मेरा हमेशा से ये यकीन है, खुदा ए बरतर की जात पर, कि चाहे आप के सामने कितनी ही मुश्किलें दर पेश आ जाएं, अगर आप खुदा के ऊपर सब छोड़ देते हैं और अपना जो आपका फर्ज बनता है वो करते रहेंगे, तो यकीन जानिए, आप को पता ही नहीं लगेगा कब आपने अपने ख्वाबों को हकीक़त की शक्ल में ढलते हुए पा लिया। ख्वाबों से हकीकत का सफर वो सफर है जिस के लिए एक मुख्तसर सा शेर यूँ है के- मैं अकेला ही चला था जनि _ बे _ मंजिल मगर लोग साथ आते गये और कारवाँ बनता गया आप इस सफर को शुरू कीजिए आप सच्चे है तो मंजिले खुद आप को तलाश करेगी बस ये कलम यही बयान कहती है इतना तो कोई इंसा खुद आप सम्भल जाए ये गर्दिशे दौरा भी कतरा के निकल जाए हालात के मारो पर अब कौन तरस खाए बेहतर है कि कांटों मे गुल और भी खिल जाए!!!!! |