मच्छर की आत्महत्या: Machar Ki Atmhatya

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Book Bazooka Publication, Nov 7, 2019 - Poetry - 108 pages

तेरी इनायत तेरा फजल

मेरे संग्रह को मुनव्वर करे

सजदा तुम्हारे चरणों में हैं

मेरी इल्तजा पर नजर करे


शैलेश इनायत

हास्य व्यंग्य कवि शायर

 

Contents

Section 1
10
Section 2
22
Section 3
24
Section 4
31
Section 5
34
Section 6
36
Section 7
46
Section 8
55
Section 9
57
Section 10
65
Section 11
83
Section 12
86
Section 13
88
Section 14
90
Section 15
96
Copyright

Common terms and phrases

अपनी अपने अब आप आपका आपके आया आये इस उपवास एक एक बात ऐसा कर करा कवि कविता कहाँ का की कुछ के लिये कैसा को कोई क्या क्यों क्षणिकायें खुद खूब गई गया गर घर चुनाव चेलेंज जा जाये जायेगी जैसे ही टी तरक्की तुम तू तेरा तेरे तो दिन दिमाग दिल दीजिये देख देखना देश दो दोनो नई नया साल नये नहीं ना नेता नेताओं नोटबंदी पत्नी ने पत्नी बोली पर पहली पे पैसे फिर बन बहुत बात बाद बाबा बार बेईमान बेटा बेटे बोल बोले भाई भाग्यवान भी भ्रष्टाचार मच्छर मत मुँह मुझसे मुझे मे में मेरा मेरी मेरे मै मैने यह या ये रहा रहा था रही रहे है रात रोज लेकर वो शादी श्रीमती जी श्रीमान सच सचमुच समस्या सवाल सही साथ सुनकर पति बोला सुनकर पत्नी से से बोली स्वामी हम हमने हूँ है और है पति बोला है सुनकर हैं हो होकर

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