हिंदी तथा अंग्रेज़ी महिला लेखन का तुलनात्मक अध्ययन: Hindi tatha Angreji Mahila Lekhan ka Tulnatmak AdhyayanBook Bazooka Publication, Dec 23, 2019 - 96 pages साहित्यिक विधाओं में लोकप्रिय विधा के रूप में कहानी का स्थान सर्वश्रेष्ठ है। कहानी 20वीं शताब्दी की देन है। कहानी कल्पना तथा समाज की स्थितियों से बनती है। मानव सभ्यता के विकास से ही कहानी का स्वरूप एवं विकास जुड़ा हुआ है। शब्द कोश के अनुसार - “कथा अच्छाई का मिथ्यावाचक या मनोगत बात को कहानी बताया गया है। नालंदा विशाल शब्द भंडार में कहानी कथा का शाब्दिक अर्थ 'कहना' है।1”इस अर्थ के अनुसार यदि कोई विशिष्ट बात कहता है वह कहानी है किसी घटना वर्णन की रोचक अभिव्यक्ति की प्रस्तुति कहानी कहलाती है। कथा एवं कहानी दोनों पर्यायवाची होते हुए भी इनके अर्थ में सूक्ष्म अंतर आ जाता है। “उपन्यास और कहानी में दिखायी देने वाला रूपगत अंतर बहुत स्पष्ट होता है, फिर भी दोनों के बीच का अंतर स्थिर नहीं होता। आकार में बहुत छोटी होते हुए भी कहानी उन सीमाओं का स्पर्श करती रहती है, जिनमें उपन्यास की संरचना विकसित हो सकती है। उपन्यास में अंततः एक कहानी होती है। दोनों में अंग-अंगी का संबंध भले न हो किंतु एक ही पारिवारिक संबंध में वे अवश्य बंधे है। दोनों का फर्क महत्वपूर्ण तभी होता है, जब दोनों प्रतिबिंबित प्रविधि के कारण अलग-अलग दिखायी देने लगते है। ”कहानी के व्यापक रूप में जहाँ उपन्यास का समावेश हुआ, वही कहानी के सूक्ष्म रूप के अंतर्गत लघु-कथाओं को लिया जाता है। कहानी में लेखक के मनोभावों और विचारों का प्रमाण मिलता है। कहानी उतनी ही प्राचीन है जितनी की मानव सृष्टि। गद्य साहित्य के एक अन्यतम भेद के रूप में कहानी लोकप्रिय साहित्य का रूप है। विकास एवं परिवर्तन मानवी सभ्यता में जिस तरह गतिवान हुआ उतनी ही गति से विकास एवं परिवर्तन को कहानी साहित्य में भी दिखाई देते है। |
Contents
Section 1 | 16 |
Section 2 | 21 |
Section 3 | 22 |
Section 4 | 23 |
Section 5 | 24 |
Section 6 | 34 |
Section 7 | 35 |
Section 8 | 40 |
Section 13 | 49 |
Section 14 | 50 |
Section 15 | 54 |
Section 16 | 55 |
Section 17 | 58 |
Section 18 | 59 |
Section 19 | 61 |
Section 20 | 70 |
Section 9 | 41 |
Section 10 | 43 |
Section 11 | 47 |
Section 12 | 48 |
Section 21 | 86 |
Section 22 | 89 |
Section 23 | 90 |