Ajnabi Ladki Ajnabi Shaharपाठकगण, आपका तहे दिल से स्वागत। आज आपके हाथ में मेरे द्वारा लिखी गई दूसरी पुस्तक "अजनबी लड़की अजनबी शहर" है। साथियों, आप किसी भी शहर में चले जाइए हर जगह इश्क करने वाले आशिक मिल जाएंगे। कोई प्यार में टूटा है तो किसी का इश्क परवान चढ़ रहा होता है। इश्क की कहानी अक्सर कॉलेज लाइफ में शुरू होती है। अजनबी लड़की अजनबी शहर भी ऐसी ही एक कहानी है। अनजान शहर में एक लड़की से मुलाकात होना, मुलाकात इश्क में बदल जाना और हमेशा के लिए गुमनाम हो जाना। दिल को बहुत दर्द दे जाती है। आप सबों ने अधूरा इश्क अधूरी कहानी को ढेर सारा प्यार दिया, उसके लिए दिल से शुक्रिया। मुझे उम्मीद है अजनबी लड़की अजनबी शहर को भी प्यार देंगे। ये पुस्तक आपके स्कूल और कॉलेज लाइफ के इश्क को याद दिलाएगी। अहसास करवाएगी। |
Common terms and phrases
अच्छा अपना अपने अब अभी अर्चना आई आज आप इतना इश्क इस इसलिए उस उसकी उसके उसको उसने कहा उसने पूछा उससे उसे एक और कई कभी कर करते करना करने करो कहां का काफी किया किसी की कुछ देर बाद के लिए कॉलेज को कोई क्या क्यों खाना गई गए गया घर चला चलो जयपुर जा जाओ जाकर जी जो डर तक तभी तरफ तुम तो था की दिन दिया दिल्ली दी देख देखा दो दोस्त नंबर नहीं ना नीचे पता पर परीक्षा पापा पास प्यार फिर फोन बस बहुत बात बार बैठ बोला भी मम्मी मुझसे मुझे में मेरा मेरी मेरे मैं मैंने कहा मैंने पूछा यहां यार ये रहा है रही थी रहे थे रात रुम रूम में लगा लगी लव लेकिन वहां वही वो वो बोली साथ में सिगरेट सुबह से सो हम दोनों हां हाथ ही हुआ हुए हूं हैं हो होटल