Chhatrapati ShivajiSuruchi Prakashan, Sep 1, 2016 - 24 pages |
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अपना अपनी अपने अफजलखान अब आप आया इस इसी उन उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उस समय उसकी उसके उसने उसी उसे ऐसा और औरंगजेब कर करना करने के लिए का कि शिवाजी किया किये किसी की कुछ के पास के लिए के साथ केवल को खान के गया जब जयसिंह जा जैसे जो ठीक तक तथा तब तो था कि थी दरबार दिन दिया दिल्ली दी दुर्ग दूत दोनों नहीं नाम निकल ने अपने पत्र पर पर आक्रमण परन्तु पहुँचे पिता पुणे पुत्र प्रतापगढ़ प्राप्त फिर फौलादखान बड़ा बड़ी बड़े बहुत बाजी बात बादशाह बाहर बीजापुर के सुलतान भवानी भारत भी भेजा मन माता मुगल में शिवाजी मैं यह योजना बनायी रहे थे रायगढ़ रूप लगा लगे लिया लिये लोग वह वहाँ वे शत्रु शाहजी शिवाजी ने सब समाचार सिद्दी जौहर से सेना लेकर सेनापति सैनिक सैनिकों को स्वराज्य हाथ ही हुई हुए है हैं हो