Pt. Deendayal Upadhyaya Vichar Darshan - Part - 4: ekaatm arthaneetiSuruchi Prakashan, May 1, 2014 - 153 pages |
Common terms and phrases
अत अधिक अपनी अपने अमरीका अर्थ अर्थव्यवस्था अर्थशास्त्र आज आदि आर्थिक विकास आवश्यक इन इस इसके उत्पादन उद्योगों उनके उपभोग उपयोग उस उसका उसके ऋण एक एवं ऐसा ऐसी ओर कम कर करते थे करते हुए करना करने के लिए कहते हैं कहा का काम कितु किन्तु किया की कुछ के कारण के बारे में के लिए के साथ केवल को कोई खेती गयी चाहिए जा जाता है जाती जापान तक तथा तो दिया दीनदयाल जी दीनदयाल जी ने देश देश में देशों द्वारा नहीं नियोजन ने पर पश्चिमी पूँजी पूँजीवादी प्रकार प्रश्न प्राप्त बड़े बहुत बात भारत भी मनुष्य मात्रा में मानव मुद्रा मूल्यों में यह रहा है रहे रुपये रूप रूस लोगों वस्तुओं का वह वाला वाली वाले विदेशी वे व्यक्ति सकता सभी समय समाज समाजवाद सम्पत्ति सरकार सहायता से स्थान स्पष्ट हम हमारे देश ही हुआ है और है कि हैं हो होगा होता है होती होने