Swasth Hridaya : Dekhrekh Aur Upchar

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Rajkamal Prakashan, Sep 1, 2003 - Heart - 193 pages
स्वस्थ हृदय: देखरेख और उपचार / यतीश अग्रवाल जीवन का सुर-संगीत दिल की धड़कनों में ही बसा है। ये धड़कनें ताउम्र मजबूत बनी रहें इसके लिए जीवन में थोड़ा-सा संयम और अनुशासन बरतना जरूरी है। दिल की हिफाजत, बीमारियों और उनके इलाज के बारे में सरल-सुबोध शैली में रची एक अनूठी पुस्तक जिसमें पाठकों के सभी सवालों पर उपयोगी जानकारियाँ हैं: जानें अपने हृदय का भविष्यफल, कैसे घटाएँ कोलेस्टेरॉल, बायपास ऑपरेशन और उसके नए रूप, दिल की हिफाजत के उपाय, ऐंजाइना और दिल का दौरा: लक्षण और उपचार, कोरोनरी ऐंजियोप्लास्टी में क्या करते हैं, दिल के दुश्मनों को पहचानें, व्यायाम कितना और कैसे करें, दिल के वाल्व के रोग और उनका इलाज, दिल के टैस्ट: कब और कैसे, बेसुर, बेताल दिल (एरिद्मिया) के रहस्य और पेसमेकर, जन्मजात हृदय विकार, दिल के दौरे के बाद सामान्य जीवन में वापसी। इलाज के व्यावहारिक पहलुओं को इस प्रकार संयोजित किया गया है कि न सिर्फ रोगी बल्कि स्वस्थ लोग भी इस पुस्तक से लाभ उठा सकते हैं।
 

Selected pages

Contents

Section 1
6
Section 2
16
Section 3
24
Section 4
41
Section 5
42
Section 6
51
Section 7
71
Section 8
76
Section 10
98
Section 11
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Section 12
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Section 13
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Section 14
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Section 15
131
Section 16
140
Section 17
148

Section 9
84
Section 18
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Common terms and phrases

अगर अधिक अपनी अपने इन इस इसके इससे इसी इसे उम्र उस उसकी उसके उसे एक ऐंजाइना ऑपरेशन कई कम कर करते करना करने की काफी काम किया किसी कुछ के बाद के लिए के साथ कोई कोरोनरी कोरोनरी धमनी कोलेस्टेरॉल खून गई गति गया ग्राम चाहिए छाती जब जा सकता है जाँच जाती जाते हैं जाने जीवन जैसे जो ज्यादा ठीक डॉक्टर तक तरह तो दर्द दवा दिया जाता है दिल का दौरा दिल की दो दोनों धमनियों नहीं पर पहले पूरी पेसमेकर पैदा प्रणाली फिर बंद बहुत बायपास भी मरीज को मरीजों महसूस में में भी यह या रक्त रक्तचाप रहता है रहा रहे रूप रोगी लक्षण लगता है लेकिन वसा वह वाल्व विकार शरीर शुरू सकता है सकती सबसे समय साँस सामान्य सिर्फ से स्वस्थ स्वास्थ्य हर हिस्से ही हुए हृदय रोग है और है कि हो जाता है होता है होती होते हैं होने

About the author (2003)

डॉ. यतीश अग्रवाल एम.बी.बी.एस., एम.डी., डी.एस.सी. जन्म: 20 जून, 1959; बरेली (उ.प्र.)। आरंभिक शिक्षा दिल्ली एवं लखनऊ में। आयुर्विज्ञान की उच्चतर शिक्षा यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली, बल्लभभाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट, दिल्ली, किंग्जवे कैंप टी.बी. अस्पताल, दिल्ली, और सफदरजंग अस्पताल से। दिल्ली विश्व- विद्यालय से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन। 1998 में फाउंडेशन फॉर डिटेक्शन ऑफ अर्ली गैस्ट्रिक कार्सिनोमा, जापान, के तत्त्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप और नेशनल कैंसर सेंटर हॉस्पिटल, टोक्यो, में उच्चतर प्रशिक्षण। विज्ञान परिषद्, इलाहाबाद से 1999 में विज्ञान वाचस्पति (डॉक्टर ऑफ साइंस) की उपाधि। संप्रति, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक। डॉ. अग्रवाल देश में स्वास्थ्य और जनप्रिय आयुर्विज्ञान साहित्य के प्रमुख रचनाकारों में से हैं। सन् 1980 से उनके स्तंभ और लेख-चिंतन देश के प्रमुख राष्ट्रीय हिंदी-अंग्रेजी दैनिकों और पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते आ रहे हैं। उन्होंने बच्चों, किशोरों और नवसाक्षरों के लिए भी प्रचुर रूप से लिखा है और रेडियो-टेलीविजन के लिए भी सीरियलों का अभिकल्पन और लेखन किया है। उनके कॉलम स्वास्थ्य सुलझन (गृहशोभा), ओपीडी (हिन्दुस्तान) और सैकेंड उपीनियन (हिन्दुस्तान टाइम्स) पाठकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय हैं। उनके पूर्व-प्रकाशित कॉलमों में परामर्श, दस सवाल, स्वास्थ्य परिक्रमा, चेक आउट, एक्सप्रेस क्रुसेड फॉर हेल्थ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। उनकी बहुत-सी पुस्तकें बेस्टसेलर साबित होने के बाद अब हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ देश की अन्य भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। अपने कृतित्व के लिए डॉ. अग्रवाल भारत सरकार के शिक्षा पुरस्कार (2003), साहित्यकार सम्मान (हिंदी अकादमी, 2003), आत्माराम सम्मान (1999), राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार (1999), मेघनाद साहा सम्मान (1991, ’92, ’93) और स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार (1994, ’95, ’97) से अलंकृत किए जा चुके हैं। डॉ. अग्रवाल देश के उन चुनिंदा चिकित्सकों में हैं जो अस्पताल के बाहर भी देशवासियों के स्वास्थ्य के प्रति मन-प्राण से समर्पित हैं।

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