संपूर्ण क्षितिज: Sampurn Kshitij

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Book Bazooka Publication, Dec 1, 2022 - Poetry - 85 pages

मोनिका जी की धर्म में रुचि होने के कारण संस्कृत और भगवतगीता बच्चों को सिखाने के लिए भी प्रयासरत है। उनके धार्मिक विषयों पर लेख दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित होते रहते हैं।

धर्म में अत्यधिक रुचि होने से मन मे उतरे प्रभु के प्रति प्रेम को छोटी-छोटी कविता के माध्यम से सम्पूर्ण क्षितिज पुस्तक मे उतारने प्रयास है। आशा है आप इस पुस्तक को अपना प्यार देंगे।

 

Selected pages

Contents

Section 1
13
Section 2
34
Section 3
53
Section 4
61
Section 5
68
Copyright

Common terms and phrases

अपनी अब आ जा रे आँखे आनंद आप आम आलिंगन एक बार एक बार फिर ओम नमः शिवाय और कभी कर कर तो का कि कुछ नहीं के लिए केवल को क्या क्षितिज खुद को खुशी खो गई मैं तुम्हारी गए चले चलो चाँद जब जरा जा रे आ जाती है जाने जीवन जो तुझे तुम्हारी मोहब्बत में तू तू ही तेरा तेरी याद आई तेरे दर्शन दिन दिल देख देखकर नमः शिवाय ओम नही नहीं है ना पर पास प्यार प्रभु की प्रभु तुम मेरे प्रभु प्रेम प्रभु मेरे प्रेम प्रेम की फिर तेरी याद बस बात भी नहीं मंदिर मन मुझ में मुझे मेरा मेरी मैं तुम्हारी मोहब्बत मोना मोहब्बत में गुम मौन ये रही रहे रे आ प्रभु रे प्रभु लगता है लूँ ले वो शिवाय ओम नमः सब सा साथ सिर्फ सुन से हर ही हुआ हुई हूँ है मेरे हैं हो गई मैं होती

About the author (2022)

मोनिका गुप्ता उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर से एक कलाकार, शिक्षाविद् और अध्यापक हैं। उन्हें अबेकस और विजुअल आर्ट्स (पेंटिंग), संस्कृत, अंग्रेजी जैसे सभी कौशल आधारित कार्यक्रमों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का कई वर्षों का अनुभव है। वह आर्टेक्स की संस्थापिका हैं जहाँ वह बच्चों और वयस्कों को कला और अबैकस की मूल बातें समझने और संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायता प्रदान करती हैं। इनका उद्देश्य छात्रों और शिक्षार्थियों को व्यावसायिक कौशल में आत्मविश्वास की दिशा में धीरे-धीरे परन्तु सतत अपना मार्ग खोजने में सहायता करना है। मोनिका जी को इंडिया स्टार बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से बेस्ट टीचर अवॉर्ड 2020 औऱ 2022 मिल चुका है। इन्होंने पैंटिंग इवेंट्स मे भाग लेकर 5 बार वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया है उसमे गिनीस वर्ल्ड रिकॉर्ड भी सम्मिलित है। पेटिंग मे नेशनल लेवल पर गोल्ड भी जीत चुकी है। इनकी अब तक 24 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 

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