Anuvad : Bhashayen Samasyayen: Bestseller Book by N.E. Vishwanatha Iyer: Anuvad : Bhashayen Samasyayenविश्व भर में अलग-अलग भाषाओं का होना विभिन्न क्षेत्रों, देशों एवं संस्कृतियों को अलगाता-सा है, जबकि अनुवाद के माध्यम से उनमें परध्सपर संबद्धता-सी प्रतीत होती है। यह एक जटिल कार्य है, जिसके लिए अनुवाद कला की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक जानकारी अपेक्षित है। इसी परिप्रेक्ष्य में, सफल अनुवादक तथा प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक डॉ. एन.ई. विश्वनाथ अय्यर द्वारा रचित ‘अनुवाद : भाषाएँ-समस्याएँ’ एक महत्त्वपूर्ण कृति है, जिसके प्रथम खंड में अनुवाद के मूल सिद्धांत, विश्व अवधारणा में अनुवाद की भूमिका, तुलनात्मक साहित्य और अनुवाद आदि के साथ-साथ अनुवाद की भाषिक-सांस्कृतिक समस्याएँ विवेचित हैं और द्वितीय खंड में भारतीय भाषाओं के परस्पर अनुवाद की समस्याओं का विशद निरूपण है। अंग्रेजी-हिंदी अनुवाद की व्याकरणिक तथा संरचनात्मक समस्याओं का विस्तृत विश्लेषण अलग से किया गया है। भारतीय भाषाओं के परस्पर अनुवाद पर सफलतापूर्वक लिखित यह कूति अनुवादकों, अनुवाद-शिक्षकों एवं तुलनात्मक साहित्य के अध्येताओं के लिए उपादेय है। |
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अंतर अधिक अनुवाद के अनेक अन्य अपनी अपने अब अर्थ आदि इन इस इसका इसलिए उदाहरण उदाहरणार्थ उर्दू एवं ऐसे और कई कर करते हैं करना करने का अनुवाद का प्रयोग कारण किया जाता है की कुछ के अनुसार के लिए के विषय में केरल को कोई क्रिया क्षेत्र गया ग्रंथ जब जा जाती जैसे जो तथा तब तमिल तेलुगु तो था थे दिल्ली दो दोनों द्राविड नहीं नहीं है ने पड़ता है पर पहले प्रकार प्रत्यय प्रभाव प्रयुक्त प्रवृत्ति प्रसंग प्राकृत प्रेमचंद फ़ारसी बहुवचन बात बाद भारत भारतीय भाषाओं भाषा की भाषा में भाषाओं के भाषाओं में मलयालम के मलयालम में मुहावरे मूल में अनुवाद में भी यह यहाँ या ये रहा राम लिंग वह वाक्य विभिन्न विशेषण वे व्याकरण शब्द शब्दों के संरचना संस्कृत सकता है सकते हैं सामान्य साहित्य से हम हिंदी की हिंदी में ही हुए है कि हो होता है होती होते हैं