Katha Puratani Drishti Adhuniki: Katha Puratani Drishti Adhuniki: Bridging the Past and Present through StoriesMythological short stories set in contemporary context. |
Contents
7 | |
Section 2 | 29 |
Section 3 | 41 |
Section 4 | 47 |
Section 5 | 51 |
Section 6 | 53 |
Section 7 | 65 |
Section 8 | 73 |
Section 13 | 99 |
Section 14 | 101 |
Section 15 | 113 |
Section 16 | 119 |
Section 17 | 129 |
Section 18 | 141 |
Section 19 | 149 |
Section 20 | 155 |
Section 9 | 75 |
Section 10 | 89 |
Section 11 | 91 |
Section 12 | 97 |
Section 21 | 161 |
Section 22 | 163 |
Section 23 | 171 |
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Common terms and phrases
अनेक अपना अपनी अपने अब अर्जुन आज आप आया इंद्र इस उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ओर और कर दिया करता करते करना करने कश्यप कहा का कि किया किसी की कुछ के पास के लिए के साथ को कोई क्या क्यों गई गए घर चाहिए जब जा जाता जीवन जो तक तुम तो था थी थे दी देश दो दोनों धन धर्म नगर नहीं नहीं है नाम नारद ने ने कहा पत्नी पर परंतु पहले पहुँचे पुत्र पूछा प्रजा फिर बहुत बात बार ब्राह्मण भी मन मनुष्य मुझे मुनि में मेरी मेरे मैं यज्ञ यदि यह या युद्ध रहा है रहे राजा ने राज्य रूप लगा लगे लिया ले लोग वह वहाँ वाराणसी विचार विष्णु वे शिव शुक्राचार्य सकता सब सभी समय सुनकर से स्वयं हम ही हुआ हुई हुए हूँ है है कि हैं हो गया होकर होती होने