Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 82
Page 18
... की पुत्री संयोगिता को मदना ब्राह्मणी द्वारा वधू - धर्म ( विनय ) की शिक्षा देने की कथा से सम्बन्धित है । चन्द के पूर्व भी विवाह से ...
... की पुत्री संयोगिता को मदना ब्राह्मणी द्वारा वधू - धर्म ( विनय ) की शिक्षा देने की कथा से सम्बन्धित है । चन्द के पूर्व भी विवाह से ...
Page 12
... की पुष्टि ' हम्मीर महाकाव्य ' के लेख से भी होती है जिसमें लिखा है कि गौरीशाह उस हठी बच्चे की तरह है जो ताड़ना देने पर भी अपनी आदत नहीं ...
... की पुष्टि ' हम्मीर महाकाव्य ' के लेख से भी होती है जिसमें लिखा है कि गौरीशाह उस हठी बच्चे की तरह है जो ताड़ना देने पर भी अपनी आदत नहीं ...
Page 50
... की सरिता बाढ़ की भाँति बह चली । उस समय बहते हुए शीश कमल की , नेत्र भ्रमरों की , यश - सौरभ सौरभ की , जंघा मकर की , हाथ मीन की खड्ग से काटी ...
... की सरिता बाढ़ की भाँति बह चली । उस समय बहते हुए शीश कमल की , नेत्र भ्रमरों की , यश - सौरभ सौरभ की , जंघा मकर की , हाथ मीन की खड्ग से काटी ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने