Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... थी करता है वैसी अति सुन्दरी थी ) । उदय अस्त होते हुए भी ऐसी सुन्दरी नहीं देखी थी । नाग बेनि सुह ' पीन , कंति दसनह २ ( या जिसका कवि वर्णन ...
... थी करता है वैसी अति सुन्दरी थी ) । उदय अस्त होते हुए भी ऐसी सुन्दरी नहीं देखी थी । नाग बेनि सुह ' पीन , कंति दसनह २ ( या जिसका कवि वर्णन ...
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... थी । वह मान प्रिय थी , रात्रि के समय वह चंद्रमां के समान पृथ्वीराज के सामने आई | वह सुन्दर विचार वाली एक सुन्दरी थी । देखने के समय ...
... थी । वह मान प्रिय थी , रात्रि के समय वह चंद्रमां के समान पृथ्वीराज के सामने आई | वह सुन्दर विचार वाली एक सुन्दरी थी । देखने के समय ...
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... थी । वैसी स्त्री देवताओं ने इन्द्र भवन में भी कभी नहीं देखी थी । उसमें उस समय कामेच्छा कम थी किन्तु मान विशेष था । उस रम्भा का ...
... थी । वैसी स्त्री देवताओं ने इन्द्र भवन में भी कभी नहीं देखी थी । उसमें उस समय कामेच्छा कम थी किन्तु मान विशेष था । उस रम्भा का ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने