Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... पंगुराज को रात्रि में छापा मारकर भगा दिया । जिस रात्रि में सामंतों ने जयचन्द पर छापा मारा , उस रात्रि को पृथ्वीराज भी शिकार छोड़कर ...
... पंगुराज को रात्रि में छापा मारकर भगा दिया । जिस रात्रि में सामंतों ने जयचन्द पर छापा मारा , उस रात्रि को पृथ्वीराज भी शिकार छोड़कर ...
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... ( पंगुराज ) । कहि = कहा । वज्जा = बाजे | वब्जि = बअने | लाग = लगे . इक्कइ = एक ही एक मात्र | विधना = ब्रह्मा | अंग = युद्ध करना स्वीकार • करे ...
... ( पंगुराज ) । कहि = कहा । वज्जा = बाजे | वब्जि = बअने | लाग = लगे . इक्कइ = एक ही एक मात्र | विधना = ब्रह्मा | अंग = युद्ध करना स्वीकार • करे ...
Page 452
... पंगुराज की सेना में हल- चल मच गई । यह देख पंगुराज क्रोध में आकर कहने लगा- मैं त्रिलोक से युद्ध छेड़ने की शक्ति रखता हूँ । मेरे रहते ...
... पंगुराज की सेना में हल- चल मच गई । यह देख पंगुराज क्रोध में आकर कहने लगा- मैं त्रिलोक से युद्ध छेड़ने की शक्ति रखता हूँ । मेरे रहते ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने