Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... पुण्डीर महन्हं || पज्जून कनक उद्दग पगर , दोऊ वीर बग्गर संलख । दोउ क्रन कुंअर अल्हन सुंबर , मिले आय राजन सपख १ ॥ ३७ ॥ शब्दार्थ : -दुज ...
... पुण्डीर महन्हं || पज्जून कनक उद्दग पगर , दोऊ वीर बग्गर संलख । दोउ क्रन कुंअर अल्हन सुंबर , मिले आय राजन सपख १ ॥ ३७ ॥ शब्दार्थ : -दुज ...
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... पुण्डीर , अवर गंठी सु गुभम रज ॥ अप्पु कोपु उर धरिय , गल्द कट्ठी ... पुण्डीर ने ( या चन्द्रसेन और पुण्डीर ने ) राजा के दिल में जो गांठ ...
... पुण्डीर , अवर गंठी सु गुभम रज ॥ अप्पु कोपु उर धरिय , गल्द कट्ठी ... पुण्डीर ने ( या चन्द्रसेन और पुण्डीर ने ) राजा के दिल में जो गांठ ...
Page 505
... पुण्डीर , का कन्ह दस दिस अरिय प्रचंड , तुच्छ सिक्कारि सत्थ हमु । मिलि चिन्हय चहुआन , अप्प खिल्लिये अप्प भुमरे ॥ सुनि राज अप्प मन फिरन ...
... पुण्डीर , का कन्ह दस दिस अरिय प्रचंड , तुच्छ सिक्कारि सत्थ हमु । मिलि चिन्हय चहुआन , अप्प खिल्लिये अप्प भुमरे ॥ सुनि राज अप्प मन फिरन ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने