Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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Page 230
... मुख , दिख्खिय सारन सार । २ काम तत्त सुद्धै सगुन , कंत करे उरहार || ३८ ॥ प्रा ० पा ० १ भीं ० । २ पा ० । शब्दार्थः — चत्र — चतुर । । सारन सार ...
... मुख , दिख्खिय सारन सार । २ काम तत्त सुद्धै सगुन , कंत करे उरहार || ३८ ॥ प्रा ० पा ० १ भीं ० । २ पा ० । शब्दार्थः — चत्र — चतुर । । सारन सार ...
Page 274
... मुखं , प्रानंपि खिमया रुखं । ना सुभ बिय ध्यान , पंडर हगे खिमयाय खिमया मुखं ॥ १३ ॥ प्रा ० पा ० १ , २ , ३ पा ० । 1 , शब्दार्थ : - जा = जिसका ...
... मुखं , प्रानंपि खिमया रुखं । ना सुभ बिय ध्यान , पंडर हगे खिमयाय खिमया मुखं ॥ १३ ॥ प्रा ० पा ० १ , २ , ३ पा ० । 1 , शब्दार्थ : - जा = जिसका ...
Page 286
... मुख पूर्ण चन्द्रमाँ की तरह था । दोहा न्याय छौ ' मुनि रूप इन , सुरति प्रीय त्रिय आहि । जा मोहे सुर नर असुर , रहे ब्रह्म मुख चाहि ॥ ४७ ...
... मुख पूर्ण चन्द्रमाँ की तरह था । दोहा न्याय छौ ' मुनि रूप इन , सुरति प्रीय त्रिय आहि । जा मोहे सुर नर असुर , रहे ब्रह्म मुख चाहि ॥ ४७ ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने