Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 78
Page 23
... रूप धारण किया और ऋषि के पास पहुँची । ऋषि ने प्रसंगवश दशावतार का वर्णन करते हुए नृसिंह के रौद्र और भयानक रूप का वर्णन किया तब भयातुर ...
... रूप धारण किया और ऋषि के पास पहुँची । ऋषि ने प्रसंगवश दशावतार का वर्णन करते हुए नृसिंह के रौद्र और भयानक रूप का वर्णन किया तब भयातुर ...
Page 36
... रूपों का बड़ा सुन्दर इनके अतिरिक्त नरनाह कन्ह , कैमास , पज्जून और पज्जून पुत्र मलयसिंह , पहाड़राय , तत्तारखाँ आदि २ वीरों के अपूर्व ...
... रूपों का बड़ा सुन्दर इनके अतिरिक्त नरनाह कन्ह , कैमास , पज्जून और पज्जून पुत्र मलयसिंह , पहाड़राय , तत्तारखाँ आदि २ वीरों के अपूर्व ...
Page 292
... रूप तज कर सिंह - रूप धारण कर गर्व प्रगट किया था ( अर्थात दुष्ट दैत्य को यह बताया कि मैं दुष्टों के नाश के प्रत्येक रूप में प्रत्येक ...
... रूप तज कर सिंह - रूप धारण कर गर्व प्रगट किया था ( अर्थात दुष्ट दैत्य को यह बताया कि मैं दुष्टों के नाश के प्रत्येक रूप में प्रत्येक ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने