Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 82
Page 424
... वीर सो वीर । उदधि उलट्टिय ह्ययंदू नृप , वढि काइर उर पीर ॥ ३० ॥ 1 1 । शब्दार्थ : - सो = उसे । जित्यौ = जीता । धरणि वीर = पृथ्वी के वीरों में ...
... वीर सो वीर । उदधि उलट्टिय ह्ययंदू नृप , वढि काइर उर पीर ॥ ३० ॥ 1 1 । शब्दार्थ : - सो = उसे । जित्यौ = जीता । धरणि वीर = पृथ्वी के वीरों में ...
Page 457
... वीर रस नट के उस पराक्रम- राज ( रावल समर - विक्रम ) वीरों के सिर के लिये जटाधारी शङ्कर से २० बोस वोर अपनो तलवारों से काम आये , इस युद्ध ...
... वीर रस नट के उस पराक्रम- राज ( रावल समर - विक्रम ) वीरों के सिर के लिये जटाधारी शङ्कर से २० बोस वोर अपनो तलवारों से काम आये , इस युद्ध ...
Page 538
... वीरों को अपने श्रेष्ठ बाहुपाश के सहारे से खींचने लगीं । दोनों ओर के युद्धकर्ता वीरों की दृष्टि वीर रस से भरी हुई दिखाई देती थी और ...
... वीरों को अपने श्रेष्ठ बाहुपाश के सहारे से खींचने लगीं । दोनों ओर के युद्धकर्ता वीरों की दृष्टि वीर रस से भरी हुई दिखाई देती थी और ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने