Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... वीर - वीर रस ! बहि - विच- रण करने लगे , प्रवाहित हुआ । निसचर - निशिचर , राक्षस , भूत , प्रेत । वीर = बावन ही वीर ! उमार = उगड़ पड़े । उच्छव ...
... वीर - वीर रस ! बहि - विच- रण करने लगे , प्रवाहित हुआ । निसचर - निशिचर , राक्षस , भूत , प्रेत । वीर = बावन ही वीर ! उमार = उगड़ पड़े । उच्छव ...
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... वीर मन्त्री दोनों कहने लगे कि इस वीर कछवाहे ( पज्जून ) जैसा सूर्य चक्र के नीचे ( भू मंडल पर ) कोई भी अन्य वीर नहीं हो सकता । इन जित्तौ ...
... वीर मन्त्री दोनों कहने लगे कि इस वीर कछवाहे ( पज्जून ) जैसा सूर्य चक्र के नीचे ( भू मंडल पर ) कोई भी अन्य वीर नहीं हो सकता । इन जित्तौ ...
Page 538
... वीरों को । नजर | वि - मारथो दोनों चोर के युद्धकर्ताओं । बुद्धयं = कुशल | रुक्कति = रोका । तयं = उसने या उसी समय । अर्थ : - उसी समय श्र ेष्ठ ...
... वीरों को । नजर | वि - मारथो दोनों चोर के युद्धकर्ताओं । बुद्धयं = कुशल | रुक्कति = रोका । तयं = उसने या उसी समय । अर्थ : - उसी समय श्र ेष्ठ ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने