Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 77
Page 26
... वे बल करने के साथ बनावटी आग , धुंआ , झड़ती हुई ज्वाला , जल वर्षा करते हुए , मेघ और पत्थरों की वर्षा करते थे , तरह २ की आवाज गले से ...
... वे बल करने के साथ बनावटी आग , धुंआ , झड़ती हुई ज्वाला , जल वर्षा करते हुए , मेघ और पत्थरों की वर्षा करते थे , तरह २ की आवाज गले से ...
Page 145
... वे | अर्थ : कवि कहता है - युद्धस्थल से भाग गये थे , वे भी एक दिन मरे ; किन्तु वे अपने कुल को कलंकित कर मरे ( अर्थात् पीठ बतलाकर अपने वंश ...
... वे | अर्थ : कवि कहता है - युद्धस्थल से भाग गये थे , वे भी एक दिन मरे ; किन्तु वे अपने कुल को कलंकित कर मरे ( अर्थात् पीठ बतलाकर अपने वंश ...
Page 287
... वे युद्ध - स्थल में अपने शरीर के टुकड़े २ करवा देते हैं । तब हो वे अप्सराओं का प्रेम प्राप्त कर पाते हैं । पुत्र - पुत्रियों तथा ...
... वे युद्ध - स्थल में अपने शरीर के टुकड़े २ करवा देते हैं । तब हो वे अप्सराओं का प्रेम प्राप्त कर पाते हैं । पुत्र - पुत्रियों तथा ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने