Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... शिव ( शंकर या कल्याण ) को जान लिया । अधोपवन को ऊर्ध्व चढ़ाकर उसे बंक नाली में पूरकर कपाली में चढ़ा लिया ! मन को प्राणायाम में लगा ...
... शिव ( शंकर या कल्याण ) को जान लिया । अधोपवन को ऊर्ध्व चढ़ाकर उसे बंक नाली में पूरकर कपाली में चढ़ा लिया ! मन को प्राणायाम में लगा ...
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... शिव धनुष की प्रत्यंचा ( शिव धनुष को कौन चढ़ा सकता है ) । कर = हाथ | मेर = सुमेरु | उपारन = उठावें | | | दरिया = समुद्र | दुस्तरै = पार करै ...
... शिव धनुष की प्रत्यंचा ( शिव धनुष को कौन चढ़ा सकता है ) । कर = हाथ | मेर = सुमेरु | उपारन = उठावें | | | दरिया = समुद्र | दुस्तरै = पार करै ...
Page 563
... शिव की पूजा के लिये चला । राज दरसि हर सरस बर , उर उहित आनंद | कल कलंत ' तिरसूल कर , जै जै समर निकंद ॥ ३६ ॥ प्रा ० पा ० १ पा ० । शब्दार्थः ...
... शिव की पूजा के लिये चला । राज दरसि हर सरस बर , उर उहित आनंद | कल कलंत ' तिरसूल कर , जै जै समर निकंद ॥ ३६ ॥ प्रा ० पा ० १ पा ० । शब्दार्थः ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने