Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... स्वरूप होकर बढ़ी । लरन हथ्थ लिय तेग वर , बगसि राज तब बाज | लिय कूरंभ कुल उज्जले , सीस नवाइ समाज ॥ ८ ॥ शब्दार्थः – तेग = तलवार । बगसि ...
... स्वरूप होकर बढ़ी । लरन हथ्थ लिय तेग वर , बगसि राज तब बाज | लिय कूरंभ कुल उज्जले , सीस नवाइ समाज ॥ ८ ॥ शब्दार्थः – तेग = तलवार । बगसि ...
Page 253
... स्वरूप | तरला = बिजली । मम = मेरा | चमकता , दमकता है । मानसं - खंमंती ॥ ४ ॥ तरह | मलय -चंदन । मरुते पवन । परपंच = प्रपंच स्वरूप | उत्कंटं ...
... स्वरूप | तरला = बिजली । मम = मेरा | चमकता , दमकता है । मानसं - खंमंती ॥ ४ ॥ तरह | मलय -चंदन । मरुते पवन । परपंच = प्रपंच स्वरूप | उत्कंटं ...
Page 548
... स्वरूप । भट्ट = वन्दीजन । समझा । उर = हृदुय में । वरह = श्रेष्ठ । प्रत्थु = पृथ्वीराज । संखेप संक्षेप में । समभ = = धर्यौ = धारण कराई ...
... स्वरूप । भट्ट = वन्दीजन । समझा । उर = हृदुय में । वरह = श्रेष्ठ । प्रत्थु = पृथ्वीराज । संखेप संक्षेप में । समभ = = धर्यौ = धारण कराई ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने