Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 3Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 75
Page 26
... थे | ग्रावनि = वहु = बहुत । विरचि = प्रचारते हुए । वुल्लें = बोलते , गरजते । 1 अर्थ : - हाथों के बल से लड़ते भिड़ते हुए एक दूसरे को युद्ध ...
... थे | ग्रावनि = वहु = बहुत । विरचि = प्रचारते हुए । वुल्लें = बोलते , गरजते । 1 अर्थ : - हाथों के बल से लड़ते भिड़ते हुए एक दूसरे को युद्ध ...
Page 29
... था । श्राहुरहि = श्रड़ते हुए देखकर । तार वज्जहि = ताल बनाते हुए | सुर = स्वर | जमुन सजल = यमुना जल । गल्लह गुर = मारी श्रावाज से । सम ...
... था । श्राहुरहि = श्रड़ते हुए देखकर । तार वज्जहि = ताल बनाते हुए | सुर = स्वर | जमुन सजल = यमुना जल । गल्लह गुर = मारी श्रावाज से । सम ...
Page 52
... हुए , सने हुए । गज्जै गर्जना करते हुए । खुर = पैर की । पुतली | खुद्द = खनता | तक्कै = देखते हैं । घाइ = चार | अप्प = अपने | श्रग्गाई = सामने ...
... हुए , सने हुए । गज्जै गर्जना करते हुए । खुर = पैर की । पुतली | खुद्द = खनता | तक्कै = देखते हैं । घाइ = चार | अप्प = अपने | श्रग्गाई = सामने ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः इन्द्र इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक और कर करके करता करते करना करने करि कवि कवित्त कहा का का० काम कामदेव कारण कि किया की के लिए के लिये के समान को कोई गई गया गये घर चंद चहुआन जल जाने जो तथा तब तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देव दोनों दोहा द्वारा नहीं ने पज्जून पति पर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्रा० पा० १ प्राप्त बर बल बात बीर भर भी भीं० भीम मन में यह या युद्ध में रस राज राजस्थान राजा रावल रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले विशेष वीर वीरों वे शत्रु शत्रुओं शब्दार्थ शरीर शाह शिव श्र श्रेष्ठ संयोगिता सब सम समर सहित सामंत सामंतों सिर सु सूर सूर्य से सेना स्थान हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है हैं हो होकर होने