Svarāja se lokanāyakaContributed articles on the life and work of Jayaprakash Narayan, 1902-1979 socialist leader; published on the occasion of his 100th birth anniversary. |
From inside the book
Results 1-3 of 84
Page 144
1जि1व वहुत अधिक है । यह लगभग 4.24:1 है । इसमें निरन्तर आए हो रही
है । इसके अधिक होने के कारण निवेश में वृक्ष होने पर उत्पादन
में बहुत यम पूत होती है । (11) निवेश का काफी भाग अनाज अनादि
के ...
1जि1व वहुत अधिक है । यह लगभग 4.24:1 है । इसमें निरन्तर आए हो रही
है । इसके अधिक होने के कारण निवेश में वृक्ष होने पर उत्पादन
में बहुत यम पूत होती है । (11) निवेश का काफी भाग अनाज अनादि
के ...
Page 145
इसके परिणामस्वरूप निजी बचत का संग्रह उचित माया में नहीं हो
पाता । 9. मौज की कमी (1;:2 061.113.1) : भारत के अधिकतर लोग निर्धन
हैं । उनकी वस्तुओं के लिए संत कम तथा सीमित होती है, इसके ...
इसके परिणामस्वरूप निजी बचत का संग्रह उचित माया में नहीं हो
पाता । 9. मौज की कमी (1;:2 061.113.1) : भारत के अधिकतर लोग निर्धन
हैं । उनकी वस्तुओं के लिए संत कम तथा सीमित होती है, इसके ...
Page 164
इसके लिए उसने विभिन्न भांन्तियों, यहै-बहे नेताओं से पत्र
हारा समाई किया मगर अमन तक कोई सन्तोषजनक पत्र नहीं मिला । तब
उसने राजनीति से अलग हटकर एक व्यक्ति की तराश शुरु की जिस पर ...
इसके लिए उसने विभिन्न भांन्तियों, यहै-बहे नेताओं से पत्र
हारा समाई किया मगर अमन तक कोई सन्तोषजनक पत्र नहीं मिला । तब
उसने राजनीति से अलग हटकर एक व्यक्ति की तराश शुरु की जिस पर ...
What people are saying - Write a review
We haven't found any reviews in the usual places.
Other editions - View all
Common terms and phrases
अधिक अपना अपनी अपने अब अमेरिका आँदोलन इन इस इसके उन उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसे एक एवं ऐसा ऐसे और कर करते करना करने के कहा क्रिया का काफी काम कारण कार्य कि किया किसी की के बाद के लिए के साथ को कोई गई गए गया चाहिए जनता जब जयप्रकाश जी जयप्रकाश नारायण जा जाए जाता जाने जी के जी ने जीवन जे जेल जो तक तथा तरह तो था थी थे द्वारा दिया दो नहीं नहीं है पटना पर प्रकार प्रभावती प्राप्त पी फिर बहुत बात बिहार भारत भारतीय भी मगर में में ही मैं यदि यया यर यह यहीं या ये रहा रही रहे राजनीतिक लिया लेकिन लोकतंत्र लोग लोगों व्यवस्था विकास विचार विना वे शुरु सकता सब सभी समय समाज समाजवाद समुदाय सरकार सामाजिक से हम ही हुआ हुई हुए है है और है कि हैं हो होगा होता है होती होने