'Daśadvāra' se 'Sopāna' takaAutobiography of a Hindi poet; covers the period, 1956-1983. |
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Page 8
निश्चय ही , उसके चेतन और अवचेतन तटों पर अपने
बहविधि प्रवाह की कितनी - कितनी निशानियाँ
छोड़ते हुए कहीं चटक , कहीं फीकी , कहीं
चमकीली ...
निश्चय ही , उसके चेतन और अवचेतन तटों पर अपने
बहविधि प्रवाह की कितनी - कितनी निशानियाँ
छोड़ते हुए कहीं चटक , कहीं फीकी , कहीं
चमकीली ...
Page 58
फलों में सबसे गरीब फल बेर की ऋतु है — कहीं -
कहीं कत्थई , कहीं हरी बेर से लदे पेड़ दिखाई
देते हैं । अवधी में एक कहावत प्रसिद्ध है' ...
फलों में सबसे गरीब फल बेर की ऋतु है — कहीं -
कहीं कत्थई , कहीं हरी बेर से लदे पेड़ दिखाई
देते हैं । अवधी में एक कहावत प्रसिद्ध है' ...
Page 206
... वहाँ भी कहीं मेरी दृष्टि आशावादी है , कहीं
आदेशात्मक , कहीं उत्साहवर्द्धक ; और कहीं
विक्षुब्ध , व्यंग्यात्मक और कहीं
निराशहताश ...
... वहाँ भी कहीं मेरी दृष्टि आशावादी है , कहीं
आदेशात्मक , कहीं उत्साहवर्द्धक ; और कहीं
विक्षुब्ध , व्यंग्यात्मक और कहीं
निराशहताश ...
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अगर अधिक अनुवाद अपना अपनी अपने अब अमिताभ आए आप इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर और कई कभी कम कर करते करना करने कविता कहा कहीं का काम किया था किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गई गए गया था घर जब जा जाती जाते जाने जी जीवन जो तक तब तरह तेजी तो था कि थी थीं थे दिन दिया गया दिल्ली दी दो दोनों नहीं नाम ने पंडित पर पहले पास प्रति फिर बड़ा बड़ी बहुत बात बार भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद रहा रही रहे रूप में लगा लिया ले लोग वर्ष वह वहाँ वे शायद सकता सब समय सामने से हम हमारे हमें हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता होती होने