'Daśadvāra' se 'Sopāna' takaAutobiography of a Hindi poet; covers the period, 1956-1983. |
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लिए हम बिलकुल चेतना - शून्य हो गए थे । और जब
हमारी चेतना लौटी तो हमने एक दूसरे को टटोल -
टटोलकर देखा कि हम सशरीर जिंदा तो हैं , या
मरकर ...
लिए हम बिलकुल चेतना - शून्य हो गए थे । और जब
हमारी चेतना लौटी तो हमने एक दूसरे को टटोल -
टटोलकर देखा कि हम सशरीर जिंदा तो हैं , या
मरकर ...
Page 127
इस अवसर के लिए मैंने एक विशेष गीत लिखा था
जिसे सब बच्चों ने साथ गाया - ' भारत के कोने -
कोने से हम सब बच्चे आए हैं । ' बाद को एक खुले ...
इस अवसर के लिए मैंने एक विशेष गीत लिखा था
जिसे सब बच्चों ने साथ गाया - ' भारत के कोने -
कोने से हम सब बच्चे आए हैं । ' बाद को एक खुले ...
Page 380
मेंट हम आज नटराज की मूर्ति करते तुम्हें गो
उसे हम यहाँ पर न लाए । कामना - जो कला - काल के
देवता वे तुम्हारे रहें नित्य दाएं । 11 - 10 - 74 ...
मेंट हम आज नटराज की मूर्ति करते तुम्हें गो
उसे हम यहाँ पर न लाए । कामना - जो कला - काल के
देवता वे तुम्हारे रहें नित्य दाएं । 11 - 10 - 74 ...
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अगर अधिक अनुवाद अपना अपनी अपने अब अमिताभ आए आप इस उनका उनकी उनके उन्हें उन्होंने उस उसका उसकी उसके उसे एक ऐसा ओर और कई कभी कम कर करते करना करने कविता कहा कहीं का काम किया था किसी की कुछ के बाद के लिए के साथ को कोई क्या गई गए गया था घर जब जा जाता है जाती जाने जी जीवन जो तक तब तरह तेजी तो था कि थी थीं थे दिन दिया गया दिल्ली दी दो दोनों नहीं नाम ने पंडित पर पहले पास प्रति फिर बड़ा बड़ी बहुत बात बार भी मन मुझे में में भी मेरा मेरी मेरे मैं मैंने यह यहाँ या याद रहा रही रहे रूप में लगा लिया ले लोग वर्ष वह वहाँ वे शायद सकता सब समय सामने से हम हमारे हमें हिंदी ही हुआ हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता होती होने