The Journal of the Bihar Research Society, Volume 53Bihar Research Society., 1967 - Folk-lore |
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Results 1-3 of 15
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... इस स्थिति में जब सूचनाप्राप्ति - क्षण अनिश्चित है तब केवल यही संभव हो सकता है कि सूक्ष्य अवधि की गणना सूचनाप्रेषण- क्षण से की जाए ...
... इस स्थिति में जब सूचनाप्राप्ति - क्षण अनिश्चित है तब केवल यही संभव हो सकता है कि सूक्ष्य अवधि की गणना सूचनाप्रेषण- क्षण से की जाए ...
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... इस पंक्ति का अन्वय " आषा- ढस्य मेघं प्रथमदिवस आश्लिष्टसानु ददर्श " भी किया था अर्थात् " यक्ष ने आषाढ का मेघ देखा जिसने पहली बार सानु ...
... इस पंक्ति का अन्वय " आषा- ढस्य मेघं प्रथमदिवस आश्लिष्टसानु ददर्श " भी किया था अर्थात् " यक्ष ने आषाढ का मेघ देखा जिसने पहली बार सानु ...
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... इस प्रकार प्रतीत होता है कि तत्कालीन मिथिला में दास को ' निस्तारपत्री ' गंगा के तट पर अथवा किसी धार्मिक स्थान में दी जाती थी ...
... इस प्रकार प्रतीत होता है कि तत्कालीन मिथिला में दास को ' निस्तारपत्री ' गंगा के तट पर अथवा किसी धार्मिक स्थान में दी जाती थी ...
Contents
OF | 1 |
A Short Account of the Wandering Ascetics Parivrājaka | 17 |
Ownership of Land in Ancient India | 27 |
22 other sections not shown