The Journal of the Bihar Research Society, Volume 53Bihar Research Society., 1967 - Folk-lore |
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Results 1-3 of 17
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... की गणना सूचनाप्रेषण- क्षण से की जाए । अतः मानना यही उचित है कि यक्ष ने चार मास की जिस अवधि का उल्लेख किया उसमें उसने यात्रा में लगने ...
... की गणना सूचनाप्रेषण- क्षण से की जाए । अतः मानना यही उचित है कि यक्ष ने चार मास की जिस अवधि का उल्लेख किया उसमें उसने यात्रा में लगने ...
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... की तिथि से की जाए तो उसमें चार पाँच या बीस दिन कम निकलेंगे । यह विकल्प मल्लिनाथ और दक्षिणावर्त्तनाथ को भी मान्य नहीं है क्योंकि ये ...
... की तिथि से की जाए तो उसमें चार पाँच या बीस दिन कम निकलेंगे । यह विकल्प मल्लिनाथ और दक्षिणावर्त्तनाथ को भी मान्य नहीं है क्योंकि ये ...
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... की है । वे " प्रथमदिवस " ही मूलपाठ मानते हैं और उसका अर्थ शुक्ल पंचमी करते हैं । इसके लिए वे मुहूर्तचिन्तामणि की पाण्डित्यपूर्ण ...
... की है । वे " प्रथमदिवस " ही मूलपाठ मानते हैं और उसका अर्थ शुक्ल पंचमी करते हैं । इसके लिए वे मुहूर्तचिन्तामणि की पाण्डित्यपूर्ण ...
Contents
OF | 1 |
A Short Account of the Wandering Ascetics Parivrājaka | 17 |
Ownership of Land in Ancient India | 27 |
22 other sections not shown