The Journal of the Bihar Research Society, Volume 53Bihar Research Society., 1967 - Folk-lore |
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Results 1-3 of 14
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... था , उसी प्रकार दास का बँटवारा भी होता था । आज भी मिथिला में यह परम्परा प्रचलित है । ५. अनाकालभृतः - अकस्मात् दुर्भिक्ष आदि के समय ...
... था , उसी प्रकार दास का बँटवारा भी होता था । आज भी मिथिला में यह परम्परा प्रचलित है । ५. अनाकालभृतः - अकस्मात् दुर्भिक्ष आदि के समय ...
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... था । ७६ भक्तदास अपनी भक्ति त्याग कर दासत्व से स्वतंत्र हो जाता था । ७७ यदि किसी दासी को पुत्रहीन मालिक द्वारा पुत्र प्राप्त होता था ...
... था । ७६ भक्तदास अपनी भक्ति त्याग कर दासत्व से स्वतंत्र हो जाता था । ७७ यदि किसी दासी को पुत्रहीन मालिक द्वारा पुत्र प्राप्त होता था ...
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... था । उपर्युक्त विवरण के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्यापतिकालीन मिथिला के अन्त- र्गत दास - दासी का बाहुल्य था । लोगों में दास ...
... था । उपर्युक्त विवरण के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्यापतिकालीन मिथिला के अन्त- र्गत दास - दासी का बाहुल्य था । लोगों में दास ...
Contents
OF | 1 |
A Short Account of the Wandering Ascetics Parivrājaka | 17 |
Ownership of Land in Ancient India | 27 |
22 other sections not shown