The Journal of the Bihar Research Society, Volume 53Bihar Research Society., 1967 - Folk-lore |
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Results 1-3 of 13
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... हैं । मेघदूत के टीकाकारों ने इनमें एक किसी भी तिथि को स्वेच्छया अपना लिया है । मल्लिनाथ और भरतसेन ने एकादशी को प्रबोधतिथि के रूप ...
... हैं । मेघदूत के टीकाकारों ने इनमें एक किसी भी तिथि को स्वेच्छया अपना लिया है । मल्लिनाथ और भरतसेन ने एकादशी को प्रबोधतिथि के रूप ...
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... है क्योंकि ये टीकाकार आषाढ के प्रथम दिन तक महिनों की संख्या आठ मानते हैं जैसा कि पहले मी बतलाया जा चुका है । यह तभी संभव है जब संदेश ...
... है क्योंकि ये टीकाकार आषाढ के प्रथम दिन तक महिनों की संख्या आठ मानते हैं जैसा कि पहले मी बतलाया जा चुका है । यह तभी संभव है जब संदेश ...
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... है । वे " प्रथमदिवस " ही मूलपाठ मानते हैं और उसका अर्थ शुक्ल पंचमी करते हैं । इसके लिए वे मुहूर्तचिन्तामणि की पाण्डित्यपूर्ण ...
... है । वे " प्रथमदिवस " ही मूलपाठ मानते हैं और उसका अर्थ शुक्ल पंचमी करते हैं । इसके लिए वे मुहूर्तचिन्तामणि की पाण्डित्यपूर्ण ...
Contents
OF | 1 |
A Short Account of the Wandering Ascetics Parivrājaka | 17 |
Ownership of Land in Ancient India | 27 |
22 other sections not shown