The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-75 |
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Results 1-3 of 13
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... कन्या और वर कामुकता के वशीभूत होकर स्वेच्छापूर्वक परस्पर संयोग करते हैं तो उसे गान्धर्व कहते हैं | हारीत और गौतम के अनुसार इसमें ...
... कन्या और वर कामुकता के वशीभूत होकर स्वेच्छापूर्वक परस्पर संयोग करते हैं तो उसे गान्धर्व कहते हैं | हारीत और गौतम के अनुसार इसमें ...
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... कन्या से मुक्ति प्राप्त मानकर भी कन्यादान की दक्षिणा दहेज रूप में देने पूर्व ही विवाह की प्रथा प्रचलित हुई तो वर के करना आवश्यक ...
... कन्या से मुक्ति प्राप्त मानकर भी कन्यादान की दक्षिणा दहेज रूप में देने पूर्व ही विवाह की प्रथा प्रचलित हुई तो वर के करना आवश्यक ...
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... कन्या से विवाह करनेवाले को नरकगामी बताया । उक्त उद्धरणों से मध्यकालीन गोत्र व्यवस्था की विवाह के लिए आवश्यकता स्पष्ट हो जाती है ...
... कन्या से विवाह करनेवाले को नरकगामी बताया । उक्त उद्धरणों से मध्यकालीन गोत्र व्यवस्था की विवाह के लिए आवश्यकता स्पष्ट हो जाती है ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
23 other sections not shown