The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-75 |
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Results 1-3 of 26
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... करने वाले ब्रह्मलोक प्राप्त करने में समर्थ हैं । मनुस्मृति में गृहस्थाश्रम को समस्त सामाजिक संगठन का मूल कहा है । जिस प्रकार ...
... करने वाले ब्रह्मलोक प्राप्त करने में समर्थ हैं । मनुस्मृति में गृहस्थाश्रम को समस्त सामाजिक संगठन का मूल कहा है । जिस प्रकार ...
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... करने के लिए एक अथवा दो जोड़े गौ वर से लेकर विधिवत् कन्या प्रदान करता था तो उसे आर्षधर्म ( ऋषि -विवाह ) कहते थे । " ऋषियों अथवा ...
... करने के लिए एक अथवा दो जोड़े गौ वर से लेकर विधिवत् कन्या प्रदान करता था तो उसे आर्षधर्म ( ऋषि -विवाह ) कहते थे । " ऋषियों अथवा ...
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... करने की प्रथा रही है । अग्नि की उपस्थिति में दक्षिण भाग में कन्यादान करने की पद्धति ज्योतिरीश्वर ने बताई है । कन्यादान : - कुछ ...
... करने की प्रथा रही है । अग्नि की उपस्थिति में दक्षिण भाग में कन्यादान करने की पद्धति ज्योतिरीश्वर ने बताई है । कन्यादान : - कुछ ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
23 other sections not shown