The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-75 |
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Results 1-3 of 22
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... न हो जाये । इसाई पादरियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि विवाह एक शारीरिक ही नहीं आध्यात्मिक व्यवस्था भी है । भारतवर्ष में बहुत ...
... न हो जाये । इसाई पादरियों ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि विवाह एक शारीरिक ही नहीं आध्यात्मिक व्यवस्था भी है । भारतवर्ष में बहुत ...
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... नहीं समझा । वैदिक साहित्य में कतई यह वर्णपरक प्रतिबन्ध नहीं था । उस युग में ब्राह्मण ऋषि च्यवन का विवाह क्षत्रिय कुमारी सुकन्या से ...
... नहीं समझा । वैदिक साहित्य में कतई यह वर्णपरक प्रतिबन्ध नहीं था । उस युग में ब्राह्मण ऋषि च्यवन का विवाह क्षत्रिय कुमारी सुकन्या से ...
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... नहीं रह सकेगा । इससे प्रतीत होता है कि आश्रमों में सभी लोगों का आना - जाना हो सकता था तथा नगर से किसी कारण पृथक हो जाने वाले लोग ...
... नहीं रह सकेगा । इससे प्रतीत होता है कि आश्रमों में सभी लोगों का आना - जाना हो सकता था तथा नगर से किसी कारण पृथक हो जाने वाले लोग ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
23 other sections not shown