The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-75 |
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Results 1-3 of 38
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... में व्यतीत करना चाहिए । दूसरा भाग विवाहित पत्नी के साथ गृहस्थाश्रम में व्यतीत करना चाहिए । तदनन्तर वानप्रस्थ नामक तृतीय भाग को वन में ...
... में व्यतीत करना चाहिए । दूसरा भाग विवाहित पत्नी के साथ गृहस्थाश्रम में व्यतीत करना चाहिए । तदनन्तर वानप्रस्थ नामक तृतीय भाग को वन में ...
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... में १ , ४ , ७ और १० वें स्थान में वृहस्पति और शुक्र हो एवं सुत ( पंचम ) हिबुक ( चतुर्थ ) स्थान में शुभ ग्रहों का योग हो । । - यौन निर्धारण ...
... में १ , ४ , ७ और १० वें स्थान में वृहस्पति और शुक्र हो एवं सुत ( पंचम ) हिबुक ( चतुर्थ ) स्थान में शुभ ग्रहों का योग हो । । - यौन निर्धारण ...
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... में सुपासनाहचरिय में अंगरक्तग ' और वर्ण- रत्नाकर में ही ' अंगरक्षक २ पाठ इससे मिलते हैं । राजलोक के अन्तर्गत इसकी विवेचना की गई है ...
... में सुपासनाहचरिय में अंगरक्तग ' और वर्ण- रत्नाकर में ही ' अंगरक्षक २ पाठ इससे मिलते हैं । राजलोक के अन्तर्गत इसकी विवेचना की गई है ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
23 other sections not shown