The Journal of the Bihar Research Society, Volumes 71-75 |
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Results 1-3 of 34
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... है जो विशेष रूप से अनिष्टकारक कहा गया है । अतएव लग्न ऐसा होना चाहिए कि यामित्र पाप दोष से रहित और चन्द्रमा तारा के अनुकूल हो तथा ...
... है जो विशेष रूप से अनिष्टकारक कहा गया है । अतएव लग्न ऐसा होना चाहिए कि यामित्र पाप दोष से रहित और चन्द्रमा तारा के अनुकूल हो तथा ...
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... है ऋग्वेद में सप्तपदी के लिए अग्नि द्वारा इष् उल्लेख है । अथर्ववेद में अथर्वा वरूण को अपना सप्रपदसखा कहता है , और वरूण भी उसके लिए ...
... है ऋग्वेद में सप्तपदी के लिए अग्नि द्वारा इष् उल्लेख है । अथर्ववेद में अथर्वा वरूण को अपना सप्रपदसखा कहता है , और वरूण भी उसके लिए ...
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... है । जहाँ तक शिक्षा का सम्बन्ध है , इसका सीधा सम्बन्ध ज्ञानार्जन से है । मनुष्य और समाज का आध्यात्मिक और बौद्धिक उत्कर्ष शिक्षा के ...
... है । जहाँ तक शिक्षा का सम्बन्ध है , इसका सीधा सम्बन्ध ज्ञानार्जन से है । मनुष्य और समाज का आध्यात्मिक और बौद्धिक उत्कर्ष शिक्षा के ...
Contents
THE BIHAR RESEARCH SOCIETY | 1 |
A Study of | 9 |
Significance of Sahasrapradayin | 23 |
23 other sections not shown