Bhasapraneet Swapnavasavadattam (Hindi Anuvad, Sanskrit Tika Vishad Vyakhya Evam Anya Upyogi Samagri Sahit)

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Motilal Banarsidass Publishe, 2008 - 237 pages

Contents

 

Contents

Section 1
2
Section 2
3
Section 3
101
Section 4
114
Section 5
135
Section 6
142
Section 7
170
Section 8
209
Section 9
231
Section 10
233

Common terms and phrases

अतः अथवा अधिक अपनी अपने अब अर्थ इति इन इस प्रकार इसका इसके इसी इसे उदयन के उसका उसकी उसके उसे एक एवं ऐसा कर करके करता है करती करते करना करने कहते हैं कहा का कालिदास किं किया है किसी की कुछ के कारण के प्रति के लिए के साथ को कोई क्त क्या खलु गई गया है चाहिए चेटी जा जाता है जाती जो ठीक तक तो था थी दिया दोनों नहीं है नाटक नाम ने पत्नी पद्मावती के पद्य पर पहले पास पृ० प्रकट प्रथम प्रयोग प्रसंग प्रस्तुत प्रेम फिर बहुत बात बाद ब्रह्मचारी भाव भास भी मे में में भी मैं यदि यह यहाँ या यौगन्धरायण रहा है रही राजा राज्य वह वा वासवदत्ता के विदूषक विवाह शब्द सकता है सब सभी समय सा से स्थान स्पष्ट स्वयं हि ही हुई हुए हूँ है और है कि हैं हो होगा होता है होती

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