Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... कर । डुल्लय = इलादिये , चकित कर दिये । भ्रम भ्रमंकि ध्वनि करती हुई । श्रायास = आकाश | पंति = पंक्ति । श्रलि - मिल्लिय = वे सब सुन्दरियें ...
... कर । डुल्लय = इलादिये , चकित कर दिये । भ्रम भ्रमंकि ध्वनि करती हुई । श्रायास = आकाश | पंति = पंक्ति । श्रलि - मिल्लिय = वे सब सुन्दरियें ...
Page 629
... कर झपट कर । भान्यौ मेट दिया , खत्म कर दिया | तैं = तूने | द्वैवर = घोड़ा | टट्टर = शरीर | श्रमय = निडर | भुव = पृथ्वी | सोइ = वही , उसी | वरु ...
... कर झपट कर । भान्यौ मेट दिया , खत्म कर दिया | तैं = तूने | द्वैवर = घोड़ा | टट्टर = शरीर | श्रमय = निडर | भुव = पृथ्वी | सोइ = वही , उसी | वरु ...
Page 816
... कर कमान कंदल करह | बारधि विलोरि सुरतान दल ; जदों जाजु अतुलित वलह || ३८३ || शब्दार्थः - भुश्र = भ्रमादिया , नष्ट कर दिया । भैरू = मेहरा ...
... कर कमान कंदल करह | बारधि विलोरि सुरतान दल ; जदों जाजु अतुलित वलह || ३८३ || शब्दार्थः - भुश्र = भ्रमादिया , नष्ट कर दिया । भैरू = मेहरा ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने