Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 89
Page 717
... कहे दनु देवु ' इह , इक कह इंद फुनिंद | इक्क कहे अस कोटि नर , इक प्रथिराज नरिंद || ३७१ || प्रा ० पा ० १ दे ० । शब्दार्थः — दनु = दानव । इंक ...
... कहे दनु देवु ' इह , इक कह इंद फुनिंद | इक्क कहे अस कोटि नर , इक प्रथिराज नरिंद || ३७१ || प्रा ० पा ० १ दे ० । शब्दार्थः — दनु = दानव । इंक ...
Page 767
... कहा , वह कथन उल्लंघन करने योग्य नहीं था , किन्तु उस समय राजा ने यही कहा कि पूर्व योजनानुसार हाथी , घोड़ों को बढ़ाते रहो और निश्चिंत ...
... कहा , वह कथन उल्लंघन करने योग्य नहीं था , किन्तु उस समय राजा ने यही कहा कि पूर्व योजनानुसार हाथी , घोड़ों को बढ़ाते रहो और निश्चिंत ...
Page
... कहा- वे बचन तत्तार ने सुने और उसने कहा यह उपस्थित मूर्ख नाजिर जैसा क्या वृथा विवाद करता है । फिर उसने तेजी में आकर कमान उठाया और तीर ...
... कहा- वे बचन तत्तार ने सुने और उसने कहा यह उपस्थित मूर्ख नाजिर जैसा क्या वृथा विवाद करता है । फिर उसने तेजी में आकर कमान उठाया और तीर ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने