Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
From inside the book
Results 1-3 of 86
Page 614
... कारण वे सब नष्ट हुए । राजा नृगु भविष्य के कारण अकारण विप्रश्राप से विनाश को प्राप्त हो गिरगिट रूप धारण किया । उसी भविष्य के कारण ...
... कारण वे सब नष्ट हुए । राजा नृगु भविष्य के कारण अकारण विप्रश्राप से विनाश को प्राप्त हो गिरगिट रूप धारण किया । उसी भविष्य के कारण ...
Page 649
... कारण दोषी माना गया फिर भी नगर की रक्षा करने वाला होने के कारण श्रेष्ठ ( उपयुक्त ) था । वह ( फैला हुआ ) ऐसा दिखाई दे रहा था , मानों ...
... कारण दोषी माना गया फिर भी नगर की रक्षा करने वाला होने के कारण श्रेष्ठ ( उपयुक्त ) था । वह ( फैला हुआ ) ऐसा दिखाई दे रहा था , मानों ...
Page 768
... कारण = कारण | काम - कस = कैसा कार्य हुआ | पुजनों = पहुँचाऊँ । दुम्भर = भयंकर | अर्थ : तब नरनाह कन्ह कहने लगा- हे श्रेष्ठ बोर जामराय यादव ...
... कारण = कारण | काम - कस = कैसा कार्य हुआ | पुजनों = पहुँचाऊँ । दुम्भर = भयंकर | अर्थ : तब नरनाह कन्ह कहने लगा- हे श्रेष्ठ बोर जामराय यादव ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने