Pṛthvīrāja rāsō. Sampādaka: Kavirāva Mōhanasiṃha. [Prathama samskaraṇa], Volume 4Sāhitya Saṃstthāna, 1954 |
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... को विजय की बधाई पहुँचाना , घायल वीरों को डोलियों में उठाया जाना , संयोगिता को म्याने में बैठाकर दिल्ली ले जाना , पृथ्वीराज के दिल्ली ...
... को विजय की बधाई पहुँचाना , घायल वीरों को डोलियों में उठाया जाना , संयोगिता को म्याने में बैठाकर दिल्ली ले जाना , पृथ्वीराज के दिल्ली ...
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... को बंधन में लेकर अपने स्थान को चला जाना , सामन्तों का धीर के विरुद्ध पृथ्वीराज को भड़काना , बंधन में आये हुए शाह को धोर के अंगरक्षक ...
... को बंधन में लेकर अपने स्थान को चला जाना , सामन्तों का धीर के विरुद्ध पृथ्वीराज को भड़काना , बंधन में आये हुए शाह को धोर के अंगरक्षक ...
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... को भी दर्शन देना , दूतों को भेज कर शाह का दिल्ली के हालातों से जानकारी करना , शाह का चढ़ाई करना , यह सुनकर दिल्ली की प्रजा का गुरुराम ...
... को भी दर्शन देना , दूतों को भेज कर शाह का दिल्ली के हालातों से जानकारी करना , शाह का चढ़ाई करना , यह सुनकर दिल्ली की प्रजा का गुरुराम ...
Common terms and phrases
अपनी अपने अर्थ अर्थः आप इस इस प्रकार उस उस समय उसका उसकी उसके उसने उसी उसे एक ऐसा और कन्नौज कर करके करता करना करने करि कवि कवित्त कहने कहा का कारण किन्तु किया की की ओर के लिए के लिये के समान के साथ को गई गये घर चंद जाने जिससे जो तक तथा तब तुम तुल्य तो था थी थे दल दिन दिया दिल्ली देख देव दोनों दोहा द्वारा धीर नहीं ने पंगुराज पति पर पा० पुण्डीर पुत्र पृथ्वी पृथ्वीराज के प्राप्त बर बात भर भी मन मुख में मैं यह या युद्ध में रस रहा राज राजस्थान राजा के रूप लगा लगी लगे लिया वर वह वाला वाले वीर वीरों वे शत्रु शब्दार्थ शरीर शाह शिव संयोगिता सब समर सामंत सिर सु सूर्य से सेना स्थान स्वामी हाथ हाथी ही हुआ हुई हुए हे है है कि हैं हो गया होकर होता होने